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Wednesday, July 07, 2021

सिलसिला

 बिल्कुल सही कहते हैं लोग🙂

चार दिन गायब होकर देखिए,

सब आपको भूल जाएंगे।

🌹🌹🌹🌹🌷🌷

लेकिन क्या करें🙂☹️

चार दिन साथ चल लें,

स्नेह जकड़ लेता है।

बाहरी व्यक्तित्व तो मात्र,

क्षणिक आकर्षण देता है।

नजदीकियों की गुफ्तगू,

कुछ लगाव बढ़ाती है।

लेकिन,☹️☹️☹️

कुछ संभालो अपने को यारों

जगत भौतिक हो चला है,

दिमाग़ की दिल पर हुकूमत का,

सिलसिला आज आम हो चला है।🌷🌹🌷🌹🌷🌹 

मौलिक- डी पी माथुर - अंजय

8 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 08-07-2021को चर्चा – 4,119 में दिया गया है।
    आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
    धन्यवाद सहित
    दिलबागसिंह विर्क

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    1. आपका बहुत बहुत आभार

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  2. Replies
    1. आपका बहुत बहुत आभार

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  3. "चार दिन गायब होकर देखिए,
    सब आपको भूल जाएंगे।" - पर कुछ छोड़ कर जायेंगे "सब" के लिए तो सब जरूर याद रखेंगे .. शायद ...😃😃😃

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    1. आपका बहुत बहुत आभार

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  4. कुछ संभालो अपने को यारों

    जगत भौतिक हो चला है,

    दिमाग़ की दिल पर हुकूमत का,

    सिलसिला आज आम हो चला है।
    वाह👌👌

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    Replies
    1. आपका बहुत बहुत आभार

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