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Thursday, July 01, 2021

गले लगा लो

 रूठे है जो, उनको गले लगा लो !

बिछड़े हैं जो, उन्हें पास बुला लो !

भूलकर शिकवे, साथ बिठा लो !

रूठे है जो, उन्हें गले लगा लो ।।


नजरें मिला, बस बाहें फैला लो !

वैर भाव भूल, फिर से अपना लो !

समय फिसल, फासले बनाए !

उससे पहले, स्वयं को संभाल लो!

रूठे है जो, उनको गले लगा लो।।

 

हार्दिक शुभकामनायें

स्वरचित- डी पी माथुर

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