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Thursday, July 01, 2021

मन गुलाब तन गुलाब

 मन गुलाब, तन गुलाब,

शीत ऋतु का, संग गुलाब!!

मन भावों में, कोमलता ले,

भाव बन, बिखरा गुलाब!!

🌹🌹🌹🌹🌹🌹

मन गुलाब, तन गुलाब!!

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भोर सुहानी, शाम गुलाबी,

जीवन की हर, उमंग मस्तानी!

मन की, मदमस्त तरंग से ,

पल पल, बन जाता रूमानी!

जीवन में, उमंगों के,

पंख, लगा देता गुलाब!

मन भावों के, शब्द उकेर,

चहुं दिशा, महकाता गुलाब!

🌹🌹🌹🌹🌹🌹

मन गुलाब, तन गुलाब,

शीत ऋतु का, संग गुलाब!!

🌹🌹🌹🌹🌹🌹

गुलाबों की महक, 

रिश्तों को जीवन भर महकाएं!

आपका प्रेम, सम्मान,

नित नई मंजिल पाए!

जीवन बगियां पंखुड़ियों सी,

महक, महक महकाएं।।

🌹🌹🌹🌹

स्वरचित- डी पी माथुर

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