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Thursday, July 01, 2021

विवाह वर्षगांठ

 तीस वर्षो का सुनहरा सफर,

वर्ष दर वर्ष, परिपक्व होकर

निखरता सा गया!

मैं खुशनसीब रहा क्यूकि,

तुम्हारा हर पल साथ

स्नेह रुप में, बिखरता ही गया 🙂 

 अनेकों कठिन समय आए

जब मैं टूट के बिखरा था

मां का दुलार छिनने पर 😭

पिता सा आकाश खोने पर 😭

तुमने ही हिम्मत दिलाई थी

जीवन तो जीना है

प्रकृति की सीख सिखाई थी

जीवन की आस जगाई थी।


सच में कहूं, तो मात्र,

अर्धांगनी नही, पूर्ण रूप से,

मुझ में, मैं बन समाई हो।


जबसे तुम जीवन में आई 

खुशियां ही खुशियां भर लाई 

प्रीति के प्रीत से

इस जीवन की ही नही

सात जन्मों की राह खुल पाई 🥰


आपको,

 तीस वर्ष आसान बनाने का, 

हृदय से साथ निभाने का

 बहुत बहुत धन्यवाद😍

स्वरचित डी पी माथुर, प्रीति

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