- गुरूवर मेरे तुम्हें प्रणाम ,
भर दो मुझ में ज्ञान अपार !
पत्थर से पारस बन जाऊँ,
सर्व समाज के काम मैं आँऊ !
- गुरूवर ऐसी राह दिखाओ ,
जन जन में जा अलख जगाँऊ !
राह से कभी भटक ना जाँऊ ,
ज्ञान ज्योति घर घर फैलाँऊ !
- गुरूवर मुझको ऐसा वर दो ,
कृपा से अपनी मुझको भर दो !
द्वैष अहम् से दूर निकलकर ,
जीवन में कुछ नेक करूं !
- गुरूवर कुछ ऐसा हो जायें ,
सच मेरा सपना हो जायें !
सबको समान समझना आये ,
तन मन कोमल बनता जायें !
अंधियारे को मिटा सकूँ ,
जन हित में कल्याण करूं !
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