- पिता हूँ , शायद कह ना पाऊँ,
माँ सा प्यार ना दिखला पाऊँ !
चाहत है पर मन में इतनी,
प्यार में नम्बर दो कहलाऊँ !
- जीवन की हर कठिन डगर में,
साथ खड़ा हो पाऊँ !
जब जब तुम्हें धूप सताये ,
छॉव मैं बन जाऊँ !
माँ तो नम्बर एक रहेगी ,
मैं , नम्बर दो कहलाऊँ !
- समुंद्र भले ही कोई कहे ,
आँसुओं से बह जाऊँ !
तुम्हारी एक आह पर ,
विचलित मैं हो जाऊँ !
पत्थर हूँ ,
पर ,सुनकर दर्द तुम्हारे ,
मोम सा पिघल जाऊँ !
लड़ना पड़े चाहे तुफानों से ,
तुम्हें बचा ले जाऊँ !
चाहत है पर मन में इतनी,
प्यार में नम्बर दो कहलाऊँ !
ओ बी ओ पर प्रकाशित मेरी रचना
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