जन जन में गुणगान,
मां भारती का ध्यान ।।
माटी जैसे चंदन महके,
नाम है हिन्दुस्तान ।।
जन जन में गुणगान,
मां भारती का ध्यान ।।
स्वतंत्र भाव, स्वतंत्र तंत्र,
स्वतंत्र बोली और परिधान ।।
धन्य हुआ मैं जन्म लेकर,
मेरा न्यारा हिन्दुस्तान ।।
बच्चा बच्चा सैनिक बन,
बढ़ाता तिरंगे की शान ।।
अश्रुपूरित नयनों में,
वीर शहीदों का बलिदान ।।
प्रेम भावना, अमन चैन,
करता सबका कल्याण ।।
देश प्रेम के जयकारे से,
गूंज उठा आसमान ।।
जन जन में गुणगान,
मां भारती का ध्यान ।।
स्वरचित - डी पी माथुर
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