दिल के करीब हैं,
करीब रहने
दो।
पल दो पल के जीवन में,
सुकून देता है,
दोस्ती का
भ्रम।
मुस्कुराने के लिए ही सही
कुछ भ्रम ही, बना रहने दो
।
कर्जदार हूं, आपके स्नेह का
मुझ पर इसे उधार रहने दो।
अपनों की याद दिलाता है ये कर्ज़
चूक ना जाय,
मुझे कर्ज़दार रहने दो।
स्वरचित पंक्तियां दोस्तों को समर्पित
:- डी पी
माथुर जयपुर
वाह!!बहुत खूब!!
ReplyDeletegood
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