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Monday, July 25, 2022

तुम्हारा जन्मदिन

 बरसती बारिश की,

अमृत बूंद हो तुम! 

खामोशी में छिपी, 

मेरी लफ्ज हो तुम! 

तन्हाई में याद बन, 

हर पल संग हो तुम! 

उदासी के क्षणों की, 

मात्र राजदार हो तुम! 

जमाने से, बढ़ती दूरियों में, 

दिल के नजदीक हो तुम! 

मेरी, सबसे मुलाकातों में, 

रूह सी मौजूद हो तुम! 

और तो क्या कहूँ, बस, 

मेरी, हर सांस में बहती, 

प्राण रूप में सर्वस्व हो तुम!! 


प्रीति के जन्मदिन पर मेरी भावनाओं के स्वरचित बोल- डी पी माथुर

2 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (27-07-2022) को
    चर्चा मंच     "दुनिया में परिवार"   (चर्चा अंक-4503)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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  2. बहुत ही सुंदर सृजन।
    जन्मदिवस की बधाई एवं शुभकामनाएँ।
    सादर

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