Through this blog i wanna share the voice of my soul with all...
Search This Blog
Friday, December 23, 2011
Chitransh soul: चंचल मन
Chitransh soul: चंचल मन: जिस प्रकार समंुद्र की कोई सीमा या गहराई नही होती वह विशाल, गहरा और अमर्यादित होता है उसी प्रकार हमारे मन को खुला छोड़ दे तो मन के कल्पना की भ...
No comments:
Post a Comment